7 मई 2011
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन की हवेली आकर्षण का केंद्र बनी हुई है और उसको देखने के लिए रोजाना सैकड़ों लोग पहुंच रहे हैं। पुलिस इस हवेली को जल्द से जल्द नष्ट करना चाहती है क्योंकि उसे अंदेशा है कि कहीं यह जगह आतंकवादियों के जमा होने का प्रतीकात्मक स्थल न बन जाए।
अमेरिकी नेवी सील्स के कमांडो ने दो मई को एक विशेष कार्रवाई के दौरान इसी हवेली पर धावा बोलकर लादेन को मार गिराया था।
समाचार पत्र 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' के अनुसार लादेन के ठिकाने को देखने और उसकी तस्वीर लेने के लिए रोजाना लोग एकत्र हो रहे हैं या उस हवेली के भीतर झांकने के लिए आसपास के मकानों की छतों का सहारा ले रहे हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि वह जल्द से जल्द इस हवेली को गिराने के पक्ष में हैं क्योंकि आतंकवादी इस हवेली का इस्तेमाल जमा होने के लिए प्रतिकात्मक स्थल के तौर पर कर सकते हैं।
पत्र के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा, "मैं यह नहीं चाहता कि इस हवेली का इस्तेमाल संग्रहालय या पवित्र स्थान के तौर पर किया जाय।"
अधिकारी ने कहा कि ठिकाने को नष्ट किया जाना चाहिए क्योंकि वह (ओसामा) पहले ही बहुत परेशानियां खड़ी कर चुका है।
एबटाबाद के सहायक समन्वय अधिकारी मोहम्मद अजफर निसार ने कहा, "हमे लगता है कि अब और अधिक पर्यटक उस ठिकाने को देखने आएंगे।"
लादेन की हवेली को नष्ट करने को लेकर उठा विवाद वैसा ही है जैसा 1945 में उठा था जब एडोल्फ हिटलर ने बर्लिन के एक बंकर में आत्महत्या कर ली थी।
इस जगह को जनता के लिए इसलिए बंद कर दिया गया था क्योंकि इस बात की आशंका थी कि नाजी इसका प्रयोग धार्मिक स्थल के रूप में कर सकते हैं।
समाचार पत्र के पास मौजूद जमीन के दस्तावेजों के अनुसार एबटाबाद में ओसामा के ठिकाने के लिए जमीन मोहम्मद अरशद वालेद निकाब खान नामक व्यक्ति ने खरीदी थी। उसने इस भूखंड को कुल 50,000 डॉलर में खरीदा था।
दस्तावेजों के मुताबिक खरीदने वाला व्यक्ति पश्चिमोत्तर पाकिस्तान के चारसड्डा जिले में तांगी का रहने वाला था। उसने भूखंड काजी महफूज-अल-हक से खरीदा था।
अरशद ने महफूज को बताया था कि वह अपने चाचा के वास्ते घर बनाने के लिए वह अतिरिक्त भूखंड खरीदना चाहता है।
समाचार पत्र के मुताबिक महफूज ने बताया, "वह बहुत साधारण और व्यवहार कुशल आदमी था लेकिन उसके अंदर किसी तरह की विशेष बात नहीं थी।"
Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow.
मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।